जीवन में गुरु का महत्व

  • ब्यूरो चीफ तस्लीम अहमद की खास रिपोर्ट
  • रविंद्र कुमार वर्मा एडवोकेट.
  • सिविल कोर्ट रामनगर रुड़की

आपने अक्सर किताबों में पढ़ा होगा कि मनुष्य और गोरिल्ला का डीएनए 99.9% मिलता है।तो फिर ऐसी क्या वजह है कि मनुष्य आगे बढ़ गए और गोरिल्ला वहीं के वहीं रह गए जंगली के जंगली।

वैज्ञानिकों ने इस विषय पर कई साल तक गहन अध्ययन किया।

गोरिल्ला पर लगभग 30 वर्षों के गहन अध्ययन के बाद वैज्ञानिक इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि मनुष्य ने अपना ज्ञान बांटना शुरू कर दिया था वह अपना ज्ञान अपने बच्चों को देते थे और उन्हें सिखाते थे जो जानकारी बड़े लोगको थी बड़े उस जानकारी को अपने बच्चे को सिखा देते थे । जिससे जानकारी बच्चों को प्राप्त हो जाती थी। परंतु गोरिल्ला अपने बच्चों को कुछ नहीं सिखाते हैं उन्हें जो भी करना है वह खुद ही सीखना होता है। इसी कारण गोरिल्ला का विकास नहीं हो पाया है। व्यक्ति की पहली पाठशाला उसका परिवार होता है। उसके बाद गुरुजन अपने ज्ञान से व्यक्ति का बौद्धिक विकास करते हैं। अपने अर्जित ज्ञान को दूसरों के साथ बांटने के कारण ही आज मनुष्य जाति इतनी तरक्की कर सकी है। तो हमें अपने गुरुओं का धन्यवाद करना चाहिए कि उन्होंने अपना अमूल्य ज्ञान हमें देकर हमें कृतार्थ किया है। एक अच्छा शिष्य ही आगे चलकर एक अच्छा गुरु बनता है। तो एक अच्छे शिष्य बने और अपने से वरिष्ठ लोगों का सम्मान करें तभी हम आगे बढ़ सकते हैं।

धन्यवाद

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